क्रिकेट के खेल में कुछ क्रिकेटरों की आलोचना की जाती है कि उन्होंने अपने पीक कर पहुँचने क संन्यास हैं. फिर भी कुछ क्रिकेटर्स ऐसे होते हैं, जो ऐसे समय में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लेते हैं जब कई लोगों को लगता था कि वे अधिक खेल सकते हैं. आज इस लेख में हम 5 ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में जानेगे.
1) ग्रीम स्मिथ- साउथ अफ्रीका
ग्रीम स्मिथ ने 100 से अधिक टेस्ट मैचों में दक्षिण अफ्रीका की कप्तानी की, लेकिन फिर भी जब वह रिटायर्ड हुए, तब उनकी उम्र केवल 33 वर्ष थी. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक घरेलू श्रृंखला के अंत में अचानक अपनी रिटायरमेंट की घोषणा की.
स्मिथ के संन्यास के पीछे का कारण यह था कि वे अपने परिवार को पर्याप्त समय नहीं दे सकते थे. हालांकि, रिटायरमेंट के कुछ साल बाद, स्मिथ ने अपनी पहली पत्नी को तलाक दे दिया था.
2) शाहिद अफरीदी- पाकिस्तान
शाहिद अफरीदी ने भी टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास ले लिया. 2010 में पाकिस्तान के इंग्लैंड दौरे पर स्पॉट फिक्सिंग में पाकिस्तान के तीन खिलाड़ियों को शामिल पाए जाने के बाद, अफरीदी को सीरीज़ के बीच में पाकिस्तान टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी गई थी, लेकिन उन्होंने श्रृंखला के अंत में सिर्फ टेस्ट कप्तानी नहीं छोड़ी, उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से पूरी तरह से संन्यास ले लिया.
अफरीदी ने अपने टेस्ट रिटायरमेंट के बाद 6 साल तक पाकिस्तान के लिए सफेद बॉल क्रिकेट खेलना जारी रखा.
3) एमएस धोनी- भारत
2014 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मैचों की टेस्ट सीरीज़ के तीसरे टेस्ट मैच के बाद एमएस धोनी ने अपने टेस्ट रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए सभी को चौंका दिया. उन्हें उस सीरीज़ के अंत में टेस्ट कप्तानी छोड़ने की उम्मीद थी, लेकिन लोगों को लगा कि वह एक और दो साल तक टेस्ट सीरीज खेल सकते थे.
धोनी ने रिद्धिमान साहा को टेस्ट में खुद को स्थापित करने की अनुमति देने के लिए खेल के सबसे लंबे प्रारूप से संन्यास का ऐलान किया. साहा ने उस श्रृंखला के पहले टेस्ट मैच में पहले बल्ले और ग्लव्स दोनों से प्रभावित किया था, जिस मैच में धोनी प्रतिबन्ध के कारण नहीं खेले थे.
4) डीन जोन्स- ऑस्ट्रेलिया
डीन जोन्स, जिन्होंने टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट दोनों में ऑस्ट्रेलिया के लिए 40 से अधिक की औसत की बैटिंग की. उन्होंने 1994 में ऑस्ट्रेलियाई टीम से निकाले जाने के बाद गुस्से में अपनी रिटायरमेंट की घोषणा की.
जोन्स केवल 33 साल का था जब वह रिटायर्ड हो गया और कई लोगों ने सोचा कि यह उसकी ओर से एक गलत निर्णय था क्योंकि वह आसानी से वापसी कर सकता था और ऑस्ट्रेलिया के लिए 3-4 साल तक खेल सकता था.
5) ग्रीम स्वान- इंग्लैंड
ग्रीम स्वान ने 2013 में ऑस्ट्रेलिया में तीसरे एशेज टेस्ट मैच के बाद अपनी रिटायरमेंट की घोषणा की. हालांकि उस श्रृंखला में स्वान का प्रदर्शन उनके मानकों के करीब नहीं था, लेकिन फिर भी कोई भी उनकी रिटायरमेंट की उम्मीद नहीं कर सकता था. जब वह रिटायर हुए थे तब वह केवल 34 वर्ष के थे.
कट्टर प्रतिद्वंद्वियों ऑस्ट्रेलिया के हाथों एशेज हारने के बाद स्वान ने निराशा में उन्होंने रिटायरमेंट का फैसला किया था.
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