जब एमएस धोनी को इस साल की शुरुआत में आईसीसी टी20I विश्व कप के लिए मेंटर के रूप में चुना गया था तो बीसीसीआई के इस फैसले की जमकर तारीफ की गयी थी. क्योंकि प्रशंसक अपने प्यारे कप्तान को भारतीय ड्रेसिंग रूम में वापस देखकर खुश थे. हालाँकि, वह उत्साह अल्पकालिक साबित हुआ क्योंकि भारतीय टीम न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के खिलाफ अपने पहले दो मैच जीतने में विफल रहने के बाद विश्व कप से बाहर हो गई.
इसके साथ ही ये आईसीसी टूर्नामेंट में विराट कोहली और रवि शास्त्री के लिए खुद को साबित करने के लिए आखिरी मौका साबित हुआ. बीसीसीआई ने जहाँ एक तरफ रवि शास्त्री के कार्यकाल के खत्म होने के बाद राहुल द्रविड़ को कोच नियुक्त किया. इसके बाद विराट कोहली को भी सिमित ओवर क्रिकेट से हाथ धोना पड़ा और रोहित शर्मा को नया कप्तान बनाया गया.
इस बीच, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह ने खुलासा किया कि एमएस धोनी को मेंटर की भूमिका इस तथ्य के कारण दी गई थी कि उन्हें आईसीसी टूर्नामेंटों का अच्छा खासा अनुभव था और युवा खिलाड़ी उनके अनुभव और ज्ञान से लाभान्वित हो सकते थे.

इन सब के बीच पूर्व भारतीय गेंदबाज अतुल वासन को लगता है कि धोनी को केवल इसलिए वापसी लाया गया क्योंकि कोहली और शास्त्री ‘भारतीय क्रिकेट को नियंत्रित’ कर रहे थे. CNN-News18 के पैनल से बात करते हुए वासन ने कहा कि उन्हें लगा कि कोहली और शास्त्री यह सब अपने तरीके से कर रहे हैं और इसलिए एमएस धोनी को ड्रेसिंग रूम में किसी तरह का ‘संतुलन’ लाने के लिए लाया गया था.
वासन ने कहा, “मैं आपको बताता हूँ. धोनी को सिर्फ कुछ संतुलन बनाए रखने के लिए लाया गया था क्योंकि हर किसी को लग रहा था कि विराट और रवि शास्त्री पूरी तरह से संभाल रहे हैं. जिसे वे खिलाना चाहते हैं, उसका चयन और प्रबंधन कर रहे हैं. वे भारतीय क्रिकेट को नियंत्रित कर रहे थे. इसलिए, उन्होंने (बीसीसीआई) सोचा कि टीम के साथ किसी ऐसे इंसान को जोड़ सके जो सब चीज को संतुलित कर सके. मुझे लगता है कि उन्होंने विश्व कप में बहुत गड़बड़ की.”
बता दे टीम इंडिया इस समय 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका में है. सीरीज का पहला 26 दिसंबर से सेंचुरियन में खेला जाएगा.
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