हम अक्सर बल्लेबाजों के बारे में अधिक बात करते हैं. यह अतीत या वर्तमान में हो, गेंदबाजों की तुलना में बल्लेबाज बहुत अधिक लाइमलाइट हासिल करते हैं. आज भी हम बल्लेबाजों की तुलना करते हैं और हमारे पास एक ‘फैब 4’ भी है. हालांकि, गेंदबाजों के लिए ऐसी कोई चीज शायद ही हो.
हालांकि, ऐसे गेंदबाज रहे हैं, जो कुछ खास युगों में भी हावी रहे हैं. सर रिचर्ड हैडली, मैल्कम मार्शल, कर्टली एम्ब्रोस और कई अन्य गेंदबाज है जो लंबे समय से टॉप पर हैं, हालांकि, कई अन्य गेंदबाज हैं जिन्होंने 1987 में शुरू होने के बाद नंबर 1 टेस्ट रैंकिंग पर राज किया था.
वर्तमान में कगिसो रबाडा हैं जो गेंदबाजी सूची में टॉप पर बने हुए हैं। हालांकि, यहां हम उन पांच गेंदबाजों पर एक नजर डालते हैं, जिन्होंने लंबे समय तक नंबर 1 टेस्ट रैंकिंग पर राज किया.
1) डेल स्टेन- (2008-2014, 2016)

डेल स्टेन आधुनिक युग के शायद सबसे अच्छे तेज गेंदबाजों में से एक हैं, दक्षिण अफ्रीकी पेसर लगभग डेढ़ दशक तक विश्व क्रिकेट में हावी रहे. दक्षिण अफ्रीका के किसी अन्य गेंदबाज के पास स्टेन (439 विकेट) से ज्यादा टेस्ट विकेट नहीं हैं.
दक्षिण अफ्रीका ने पिछले डेढ़ दशक में जो भी सफलता हासिल की हैं उनका प्रमुख एक कारण स्टेन रहे हैं. स्टेन की 44.3 का स्ट्राइक-रेट टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ में से एक है. वह मजबूत से मजबूत बल्लेबाजी लाइन-अप को आसानी भेद सकते हैं.
दक्षिण अफ्रीकी के पूर्व दिग्गज स्टेन पहली बार 2008 में संयुक्त रूप से मुथैया मुरलीधरन के साथ रैंकिंग में टॉप पर आये थे. हालांकि, 2009 में मुरलीधरन को पछाडकर दुनिया के टॉप गेंदबाज बने गये और चार साल से अधिक समय तक काबिज़ रहे और फिर चोट के कारण अपने देश के वर्नोन फिलेंडर से पिछड़ गए. 2016 में टॉप पर वापस आ गए हालांकि, नवंबर 2016 में एक कंधे की चोट ने उसे एक साल तक क्रिकेट से दूर रखा और वह टॉप रैंक से दूर हो गए.
2) मुथैया मुरलीधरन (2003, 2006-2008)

एक भी गेंदबाजी रिकॉर्ड नहीं है जो मुथैया मुरलीधरन ने हासिल नहीं किया है. सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट, सबसे ज्यादा टेस्ट में पांच विकेट लेने का कारनामा, टेस्ट में सबसे ज्यादा दस विकेट, टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में किसी भी गेंदबाज ने सबसे ज्यादा गेंदें फेंकी और ऐसे अन्य कई रिकॉर्ड. इसके अलावा, कोई भी अन्य गेंदबाज इनमें से किसी भी रिकॉर्ड के करीब नहीं है.
लगभग दो दशकों के क्रिकेट करियर में, मुरलीधरन ने टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लिए हैं. 133 टेस्ट मैचों में उनका औसत 22.72 था. इस ऑफ स्पिनर ने अपने टेस्ट करियर में 67 बार पांच-पांच विकेट लिए और 22 बार दस विकेट लिए. 1990 और 2000 के दशक के दौरान वह श्रीलंका के गेंदबाजी आक्रमण के प्रमुख गेंदबाज रहे.
वह पहली बार 2003 में वह रैंकिंग में नंबर 1 पर पहुंचे और लगभग एक साल तक शीर्ष पर रहे. जिसके बाद वह 2006 में फिर से रैंकिंग में टॉप पर आये और 3 साल तक नंबर 1 टेस्ट रैंक पर राज किया जिसके बाद डेल स्टेन ने उन्हें पछाड़कर टॉप पर जगह बनायीं.
3) ग्लेन मैकग्राथ (1996-97, 2001-2004)

ग्लेन मैकग्राथ अपने दौर के सबसे तेज गेंदबाजों में शामिल नहीं रहे है लेकिन उनकी सटीक लाइन और लेंथ बल्लेबाजों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही हैं. अपनी सूक्ष्म विविधताओं के साथ, उन्होंने दुनिया के अधिकांश बल्लेबाजों को बहुत परेशान किया हैं.
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ने 14 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला और वह लंबे समय तक ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजी आक्रमण के प्रमुख रहे. जेम्स एंडरसन ने पिछले साल टेस्ट क्रिकेट में बतौर तेज गेंदबाज सबसे अधिक विकेट लेने के मामले में जेम्स एंडरसन को पीछे छोड़ा. टेस्ट क्रिकेट में लगातार शानदार गेंदबाजी करने के बाद 1996 में वह पहली बार रैंकिंग में टॉप स्थान पर पहुंचे थे. जिसके बाद वह 2001 से 2004 के बीच में रैंकिंग में पहले स्थान पर बने रहे थे.
4) शेन वॉर्न- (1994-95, 2005)
शेन वॉर्न टेस्ट क्रिकेट इतिहास के इकलौते गेंदबाज है जो श्रीलंका के पूर्व दिग्गज मुथैया मुरलीधरन के करीब दिखाई देते हैं. मुरलीधरन के नाम टेस्ट क्रिकेट ज्यादातर रिकॉर्ड है जबकि इस सूची में शेन वॉर्न ज्यादातर रिकॉर्ड में दूसरे स्थान पर हैं.
मैदान और मैदान के बाहर हमेशा विवादों में रहने वाले शेन वॉर्न ने अपने करियर के 145 टेस्ट मैचों में 708 विकेट अपने नाम किया. इस दौरान वह 1994 में पहली बार रैंकिंग में टॉप पर आये और करीब एक साल तक टॉप पर बने रहे. इसके आलावा 2005 में भी उन्होंने रैंकिंग में बादशाहत हासिल की.
5) रविचंद्रन अश्विन- (2015-17)

टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सबसे तेज 200, 250 और 300 विकेट लेने वाले ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन इस सूची में शामिल इकलौते इंडियन खिलाड़ी हैं. 71 टेस्ट मैचों में 365 विकेट लेने वाले अश्विन वर्तमान मे टेस्ट के सबसे सफल स्पिनरों में से एक हैं.
अश्विन ने 2015 से 2017 के बीच आईसीसी टेस्ट रैंकिंग पर राज किया था. इस दौरान उनके साथी खिलाड़ी रवीन्द्र जडेजा भी रैंकिंग में दूसरे स्थान पर बने रहे थे.
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