भारतीय कप्तान अजिंक्य रहाणे के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे बॉक्सिंग डे टेस्ट की पहली पारी में शतक ने सभी प्रशंसकों के साथ-साथ पूर्व क्रिकेटरों और पंडितों से भी बड़ी प्रसंशा हासिल की हैं.

शुभमन गिल और चेतेश्वर पुजारा के रूप में दो बड़े विकेट गंवाने के बाद जब भारत 3/64 से आगे चल रहा था, तब बल्लेबाजी करने आए अजिंक्य रहाणे ने एक बेहतरीन टेस्ट मैच खेला, जो कौशल, धैर्य, लचीलापन और दृढ़ संकल्प का प्रतीक था.
रहाणे ने हनुमा विहारी, ऋषभ पंत, और रवींद्र जडेजा के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी की और 112 की पारी खेलकर यह सुनिश्चित किया कि भारत ने 131 रनों की बढ़त ले ली. शेन वार्न, सुनील गावस्कर सहित प्रशंसकों ने मेलबोर्न के शतक को उनका सर्वश्रेष्ठ शतक करार दिया हैं लेकिन रहाणे अभी भी लॉर्ड्स में 2014 में लगाये गए अपने शतक को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं.

अजिंक्य रहाणे ने मैच के बाद के इंटरव्यू में कहा, “यह वास्तव में स्पेशल थी. शतक लगाना हमेशा खास होता हैं. फिर भी लगता है कि लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ मेरा शतक मेरा सर्वश्रेष्ठ है.”
2014 की समर में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ अजिंक्य रहाणे का शतक इंग्लिश पेसरों के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ पारी खेली थी और 103 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली. इस मैच में भारत के अन्य किसी बल्लेबाज ने उनका साथ नहीं दिया हलांकि निचलेक्रम में भुवनेश्वर कुमार के साथ 90 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी बनाई थी. जिसकी मदद से भारत ने 295 रन बनाये थे.

रहाणे की इस ऐतिहासिक पारी की मदद से भारत ने 28 वर्षों बाद क्रिकेट के मक्का कहें जाने वाले लॉर्ड्स में 95 रनों की जीत दर्ज की थी. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट में 147 रनों की पारी भी खेली थी और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन रहाणे लॉर्ड्स शतक को बेस्ट मानते हैं.
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