पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने मौजूदा दौर में क्रिकेट के नियमों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि, वर्तमान के नियमों से सिर्फ बल्लेबाजों को फायदा मिल रहा है। इसके अलावा उन्होंने मजाक में कहा कि, अगर सचिन तेंदुलकर आज के दौर में क्रिकेट खेल रहे होते तो उनके नाम 1 लाख से ज्यादा रन दर्ज होते।
वह इस तथ्य से खुश नहीं हैं कि, वनडे टीम में दो नयी गेंदों के साथ खेला जा रहा है। और, प्रत्येक छोर से दूसरी गेंद का उपयोग किया जा रहा है जिससे रिवर्स स्विंग बहुत कम हो जाती है। जबक, सीमित ओवरों की इंटरनेशनल पिचों पर पहले से कहीं अधिक रन बन रहे हैं।
रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब इस बात से भी नाखुश हैं कि, एक टेस्ट की प्रत्येक पारी में टीमों को 3 रिव्यू दिए जाते हैं। और, बाउंसरों की संख्या की भी लिमिट तय कर दी गई है। उनका मानना है कि, पिछले एक दशक में आईसीसी द्वारा पेश किए गए ऐसे सभी नियमों ने खेल को एकतरफा बना दिया है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने वाले प्लेयर हैं सचिन
सचिन तेंदुलकर इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। जिनके नाम सभी प्रारूपों में 34,357 रन दर्ज है। हालांकि, शोएब अख्तर ने मजाकिया अंदाज में कहा कि मास्टर ब्लास्टर ने 1 लाख रन का लैंडमार्क पार कर लिया होता अगर उन्हें अपने समय के दौरान इस तरह के बैटिंग फ्रेंडली रूल्स और आज के समय की पिच मिली होती।
शोएब अख्तर ने भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री के साथ अपने यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान कहा कि, “आपके पास वनडे में दो नई गेंदें हैं। आपने नियम सख्त कर दिए हैं। आप आजकल बल्लेबाजों को इतना फायदा देते हैं। अब तीन रिव्यू का भी नियम रख दिया है। अगर हमारे पास सचिन के समय में तीन रिव्यू होते तो वह 1 लाख रन बनाते।”
उन्होंने कहा, “मुझे वास्तव में सचिन पर दया आती है, वह शुरू में वसीम अकरम और वकार यूनुस के खिलाफ खेले, वो शेन वॉर्न के खिलाफ भी खेले। और, फिर उन्होंने ब्रेट ली और शोएब अख्तर का भी सामना किया। इसके बाद सचिन ने अगली पीढ़ी के तेज गेंदबाजों के खिलाफ भी खेला है। इसलिए मैं उन्हें बहुत शानदार बल्लेबाज मानता हूं।”
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने यह भी कहा कि, “आजकल की पिच बल्लेबाजों को फेवर करती हैं। ज्ञात हो कि, शोएब अख्तर वर्तमान में ओमान में लीजेंड्स लीग क्रिकेट टूर्नामेंट में एशिया लायंस के लिए खेल रहे हैं, जबकि शास्त्री उसी टूर्नामेंट के कमिश्नर हैं।
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